तीन दिवसीय दिव्यांगजन रेनबो फेस्टिवल कार्यक्रम का उद्घाटन 3 फरवरी 2024 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे
तीन दिवसीय दिव्यांगजन रेनबो फेस्टिवल कार्यक्रम का उद्घाटन 3 फरवरी 2024 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे
दिव्यांगजनों द्वारा निर्मित उत्पादों एवं कालाकृर्तियों के प्रदर्शन हेतु “दिव्य कला एवं कौशल प्रदर्शनी” का आयोजन
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग जनपद गोरखपुर में 03 दिवसीय दिव्यांगजन रेनबो फेस्टिवल का कर रहा आयोजन
दिव्यांगजनों के जीवन में खुशियॉ बिखेरने का कार्य कर रही है योगी सरकार
दिव्यांगजनों द्वारा निर्मित उत्कृष्ट उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी
दिव्यांगजनों की सांस्कृतिक प्रतिभा को सम्मानित करने के साथ-साथ सहायक उपकरणों किया जाएगा वितरण-मंत्री नरेन्द्र कश्यप
प्रदेश के दिव्यांगजन सशक्तीकरण एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने बताया कि योगी सरकार प्रदेश के दिव्यांगजनों को योजनाओं के माध्यम से समाज व विकास की मुख्य धारा में शामिल कराने एवं उनके जीवन मे खुशियों के इंद्रधनुषी रंग बिखेरने का कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के दिव्यांगजनों को उनकी प्रतिभा का प्रदर्शन करने हेतु विभिन्न जनपदों में वृहद स्तर के कार्यक्रम आयोजित किये गये हैं। इसी क्रम में दिव्यांगजन में निहित प्रतिभा को मंच उपलब्ध कराने के लिए जनपद गोरखपुर में 3 से 5 फरवरी, 2024 तक दिव्यांगजन रेनबो फेस्टिवल कराने जा रही है। दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के द्वारा जनपद में राज्य निधि के अन्तर्गत दिव्यांगजनों द्वारा निर्मित उत्पादों एवं कालाकृर्तियों के प्रदर्शन हेतु “दिव्य कला एवं कौशल प्रदर्शनी” का आयोजन योगीराज बाबा गम्भीरनाथ प्रेक्षा गृह एवं सांस्कृतिक केन्द्र, रामगढ़ताल, गोरखपुर में किया जा रहा है। प्रदर्शनी का उद्घाटन उद्घाटन 3 फरवरी 2024 को अपराह्न 3 बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। प्रदर्शनी में प्रदेशभर से आये दिव्यांग उद्यमियों एवं दस्तकारों के उत्कृष्ठ उत्पादों व शिल्प कौशल की अनूठी मिशाल पेश की जायेगी। प्रदर्शनी अन्तर्गत 51 स्टॉल लगाये जायेगें साथ ही प्रदर्शनी के दौरान विविध प्रकार के खेल एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से दिव्यांगजनों की प्रतिभा को नया आयाम प्रदान किया जायेगा। प्रदर्शनी में आमजन को निःशुल्क प्रवेश दिया जायेगा।
मंत्री कश्यप ने बताया कि दिव्यांगजन रेनबो फेस्टिवल की मेजबानी दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के बैनर तले स्पर्श राजकीय दृष्टिबाधित बालक इंटर कॉलेज लालडिग्गी द्वारा की जाएगी। इस फेस्टिवल को प्रमुख रूप से छह खंडों में नियोजित किया गया है। इसमें दिव्यांगजन द्वारा निर्मित उत्कृष्ट उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी।
आम जनता को सुबह 9 बजे से रात्रि 8 बजे तक दिव्यांग कलाकारों के सांस्कृतिक गतिविधियों की बृहद श्रृंखला देखने को मिलेगी। दिव्यांग बच्चों के मध्य पेन्टिंग प्रतियोगिता, फैन्सी ड्रेस कम्पटीशन, टग ऑफ वार (रस्साकसी), एकल व समूह गायन, माइम (मूक अभिनय), लघु नाटक, एकल व समूह नृत्य तथा ट्राई साइकिल रेस प्रतियोगिताएं आयोजित की जायेगी। प्रदर्शनी स्थल पर दिव्यांगजनों के हाथों से बने लजीज फुड के स्टाल भी लगाये जाएंगे। बच्चों के मनोरंजन की दृष्टि से मिकी माउस एवं अन्य गेम्स से सुसज्जित किड-फन-जोन भी बनाया जा रहा है। दिव्यांगजनों के समावेशी समाज से संबंधित साहित्यिक गतिविधियों को मुर्त रुप देने के लिये पुस्तक गैलरी का आयोजन भी किया जायेगा। चिन्हाकित किये गये दिव्यांगजनों को 30 मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल, 100 ट्राईसाइकिल, 50 स्मार्ट केन, 50 हियरिंग ऐड और 50 बैशाखी का वितरण किया जायेगा। दिव्यांगजन कि सांस्कृतिक प्रतिभा का सम्मान किया जाएगा। स्वावलंबी दिव्यांगजन की तरफ से फूड कोर्ट लगाया जाएगा। दिव्यांगजन के शैक्षिक पुनर्वास के लिए पुस्तक गैलरी बनाई जाएगी और उनका जीवन सुगम बनाने के लिए सहायक उपकरणों का वितरण किया जाएगा। डॉ. शकुंतला मिश्रा पुर्नवास विश्विद्यालय लखनऊ एवं जगद्गुरू रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय, चित्रकूट के क्रियाकलापों एवं सुविधाओं को भी प्रदर्शित किया जायेगा।
मंत्री कश्यप ने बताया कि रेनबो फेस्टिवल का मकसद दिव्यांगजन की सृजनात्मक क्षमता का विकास और उनके आत्मविश्वास में वृद्धि करना है। इस फेस्टिवल में दिव्यांगजन की सहभागिता से ट्राइसाइकिल रेस, चित्रकारी, संगीत, नृत्य एवं नुक्कड़ नाटक जैसे मनोरंजक कार्यक्रम भी होंगे, जिससे उनमें समावेशी समाज में रहते हुए आत्मनिर्भरता की भावना का विकास हो सके। साथ ही दिव्यांगजन की कलात्मक प्रतिभाओ और दिव्यांग आइकॉन को सम्मानित किया जाएगा। फेस्टिवल का खास आकर्षण फूड कोर्ट और उत्पादों की प्रदर्शनी का होगा। फूड कोर्ट में दिव्यांगजन द्वारा तैयार व्यंजनों की विस्तृत श्रृंखला रहेगी तो प्रदर्शनी में उनके द्वारा बनाए गए उत्कृष्ट उत्पाद दिखेंगे।