ग्रामीण क्षेत्र के समग्र विकास के लिए ग्रामीण क्षेत्र के बजट को अलग किया जाए :रोहित अग्रवाल
राष्ट्रीय लोक दल व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष रोहित अग्रवाल ने उत्तर प्रदेश सरकार के आगामी बजट पर सरकार को जनता की ओर से संदेश देते हुए कहा कि “ग्रामीण क्षेत्र के समग्र विकास के लिए ग्रामीण क्षेत्र के बजट को अलग किया जाए, उन्होंने चौधरी चरण सिंह जी की विचारधारा से प्रेरित होते हुए सरकार को संदेश दिया है कि” जब तक ग्रामीण क्षेत्र का विकास नहीं होगा तब तक गरीबी का उन्मूलन किसी प्रकार से संभव नहीं है। श्री अग्रवाल ने आगे कहा कि केवल 5 किलो राशन देने से सरकार की जिम्मेदारी खत्म नहीं हो जाती है, सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के लिए अलग बजट लाकर ही देश को विकास के पथ पर अग्रसर किया जा सकता है।
अग्रवाल ने एमएसपी की मांग को तेज करते हुए कहा कि “हम (राष्ट्रीय लोकदल) इसीलिए एमएसपी की मांग करते हैं, क्योंकि ग्रामीण भारत में ही जीवंत भारत दिखाई पड़ता है. उन्होंने गेहूं के मूल्य की चर्चा करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार की दोहरी नीति को उजागर किया और सरकार से सवाल किया कि मार्केट में जो गेहूं 2900/- रुपए प्रति कुंतल बिक रहा है, वही उत्तर प्रदेश में 2275/- रुपए प्रति कुंतल क्यों बिक रहा है? गन्ना किसानों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार जो एथनॉल के बारे में योजना लाई थी, उसका सीधा लाभ गन्ना किसानों को मिलना चाहिए।
अग्रवाल ने गेहूं की तरह ही गन्ने के मूल्य का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों की भाजपा सरकार द्वारा किसानों को ₹400 प्रति कुंतल गन्ना मूल्य दिया जा रहा है जबकि उत्तर प्रदेश में प्रति कुंतल गन्ने का मूल्य केवल ₹360 प्रति कुंतल है। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश में गन्ना किसान खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। रोहित अग्रवाल ने कहा सरकारी बजट में कुछ विशेष लोगों के लिए व्यवस्था करके किसानों और ग्रामीण वर्ग की अनदेखी करने से देश का विकास संभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार अपने बजट के पैसों का पूर्ण रूप से उपयोग नहीं कर पा रही है, जिससे हर साल लाखों करोड़ रुपए का बजट वापस जा रहा है। श्री अग्रवाल ने कहा कि देश का किसान, युवा, वर्ग और व्यापारी वर्ग आपकी ओर देख रहा है। हम चाहते हैं और जनता की ओर से यह संदेश पहुंचाते हैं, कि चौधरी चरण सिंह जी की विचारधारा का ध्यान रखते हुए, आप ग्रामीण भारत के समग्र विकास पर बल दें। श्रद्धेय चौधरी चरण सिंह जी ने कहा था कि “विकसित भारत का रास्ता गांव से होकर जाता है।”