महाकुंभ 2025: मकर संक्रांति पर संगम नगरी में आध्यात्मिक यात्रा का शुभारंभ

महाकुंभ 2025: मकर संक्रांति पर संगम नगरी में आध्यात्मिक यात्रा का शुभारंभ

प्रयागराज, 15 जनवरी 2025: भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का विराट पर्व महाकुंभ 2025 मकर संक्रांति के पावन दिन संगम नगरी प्रयागराज में आरंभ हो गया। गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती के संगम पर देश-विदेश से आए करोड़ों श्रद्धालुओं ने आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव करते हुए पुण्य स्नान किया।

महाकुंभ 2025 का विशेष विषय

इस महाकुंभ का संदेश है “स्वच्छता, संस्कार और संगम”। आयोजन का उद्देश्य आध्यात्मिकता के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक जागरूकता को बढ़ावा देना है। सरकार और आयोजन समितियों ने मेले को सुरक्षित, स्वच्छ और सुव्यवस्थित बनाने के लिए विशेष तैयारियां की हैं।

 

 

मुख्य आकर्षण

  1. पहला शाही स्नान:
    मकर संक्रांति के दिन साधु-संतों, अखाड़ों और लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में स्नान कर पुण्य लाभ प्राप्त किया।
  2. अखाड़ों की पेशवाई:
    रंग-बिरंगी शोभायात्राओं में संत समाज और अखाड़ों ने भारतीय परंपराओं को जीवंत किया।
  3. सांस्कृतिक कार्यक्रम:
    देशभर से आए कलाकारों ने लोकनृत्य, भजन और कथक जैसी प्रस्तुतियों से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
  4. धार्मिक प्रवचन और कथा:
    विख्यात संतों और विद्वानों द्वारा दिए गए प्रवचन और कथाओं ने भक्तों को आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान किया।

श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं

  • स्वच्छता और कचरा प्रबंधन: मेला क्षेत्र को स्वच्छ बनाए रखने के लिए विशेष सफाई अभियान चलाया गया।
  • डिजिटल सेवाएं: आगंतुकों की सुविधा के लिए मोबाइल ऐप, पोर्टल और डिजिटल मार्गदर्शन की व्यवस्था।
  • चिकित्सा सेवाएं: अत्याधुनिक स्वास्थ्य केंद्र और आपातकालीन सहायता की सुविधा।
  • यातायात प्रबंधन: भीड़ नियंत्रण और यातायात प्रबंधन के लिए विशेष मार्ग और परिवहन सेवाएं।

महाकुंभ का संदेश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “महाकुंभ 2025 भारत की सांस्कृतिक एकता और आध्यात्मिक परंपराओं का प्रतिनिधित्व करता है। यह न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि पूरे विश्व को भारतीय संस्कृति और स्वच्छता का संदेश देने का माध्यम है। सभी श्रद्धालुओं से अपील है कि इस महापर्व को स्वच्छ, सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल बनाने में सहयोग करें।”

निष्कर्ष

महाकुंभ 2025 श्रद्धालुओं के लिए केवल आध्यात्मिक उत्थान का माध्यम नहीं है, बल्कि स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और भारतीय संस्कृति के सम्मान को बढ़ावा देने वाला उत्सव है। संगम नगरी सभी आगंतुकों का स्वागत करती है, जहां आस्था और परंपरा का संगम देखने को मिलता है।

आइए, इस महायज्ञ में सहभागी बनें और अपनी आस्था को नई ऊंचाई तक पहुंचाएं।

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