ठंड से बचाव के लिए समाजसेवी आए आगे

ठंड से बचाव के लिए समाजसेवी आए आगे

तहसील प्रशासन गायब मात्र दिखावा ठंड में नहीं मिली मदद

तहसील प्रशासन का बंद रहता हैं सीयूजी नम्बर

सम्वाददाता,अम्बेडकरनगर। कड़ाके की ठंड में आम जनमानस की हालत काफी खराब हो गई हैं, ठंड में बहती हवा के चलते गलन से हड़कपाऊ ठंड बढ़ गई हैं, ठंड में जहां विद्यालय बन्द हो गए है, तो वहीं आम जनता अलाव का सहारा ले रहे लेकिन तहसील प्रशासन हैं कि सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को आम जनता तक पहुँचाने में नाकाम दिखाई दे रहे है, कड़ाके की ठंड बीतने वाला है लेकिन अभी तक ठंड के प्रकोप से बचने के लिए गरीबों तक कम्बल नही पहुंच पाया समाजसेवी द्वारा गरीब परिवार को कम्बल मुहैया कराया जा रहा आखिर जिम्मेदार तहसील प्रशासन कब तक कम्बल अलाव की व्यवस्था कराएगी जब ठंड खत्म हो जाएगी।
बताते चलें विकास खण्ड टांडा के अवसानपुर, करमपुर, एनवा, नैपुरा, अलनपुर आदि क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड में अभी तक गरीब परिवार को तहसील प्रशासन द्वारा कम्बल वितरण नही किया गया, नाम मात्र दस बारह कम्बल ही बहुत कहने के बाद मुहैया कराया गया वह भी प्रधानों द्वारा वितरण करने में आनाकानी किया जा रहा है कि किसे दे किसे नहीं ठंड के प्रकोप को देखते हुए अत्यंत गरीब परिवार को समाजसेवी तिलकराम यादव, नरेन्द्र यादव द्वारा कम्बल बाँटा गया।

क्या है मामला
कड़ाके की ठंड में तहसील प्रशासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में एक दर्जन से कम कम्बल दिया जा रहा जबकि कई दर्जन गरीब परिवार ठंड में रहने के लिए विवश हैं,ग्राम प्रधान ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि करीब दो दर्जन परिवार अत्यंत गरीब हैं लेकिन कम्बल 10 मिला किसे दे किसे नहीं बहुत समस्या है।
समाजसेवी आए आगे
अवसानपुर निवासी तिलकराम यादव, व नरेन्द्र यादव ने गरीबों के लिए आगे आए दर्जनों गरीब परिवार को कम्बल दिया जिसमें रविवार को भदेसरा पत्नी स्व0 रामसूरत 70 वर्ष मनीराम पुत्र रामलौट 65 वर्ष प्रभावित पत्नी रविंद 55 वर्ष सहित एक दर्जन से अधिक लोगों को कम्बल वितरण किया।कम्बल पाकर गरीब परिवार ने समाजसेवियों को धन्यवाद किया।
तहसील प्रशासन का लचीला व्यवहार
तहसील प्रशासन द्वारा कड़ाके की ठंड बीतने के बाद कम्बल वितरण किया जाएगा तो क्या फायदा लेखपाल द्वारा नाम न बताने की शर्तों पर बताया कि जब तहसील से ही नहीं मिलता तो क्या घर से दे अधिकारियों से कहे वह देंगे तो ही बांटेंगे नही तो घर से कौन देगा

क्या कहा तहसील प्रशासन
एसडीएम सचिन यादव का फोन ही रिसीव नही होता वहीं तहसीलदार, नायब तहसीलदार का मोबाइल फोन ही बंद रहता है कभी भी इनके नम्बर पर बात नहीं हो पाती महोदय फोन चालू करने की जहमत नहीं उठाते नही तो किसी गरीब का फोन आ गया तो क्या जबाब देंगे।

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